बुधवार, 19 अगस्त 2015

फर्क क्या हैं.

याकूब ने कहा कलामजी से
आज मैं भी ऊपर,
और आप भी ऊपर हो,
तो फर्क क्या हैं..हम दोनो में...

कलामजी ने मुस्कुराते हुए कहा
मुझे बुलाया गया हैं...
और आप को भेजा गया हैं !!

आपने जिंदगी लगा दी खूद की
मजहब की दिवार खड़ी करनेमें
और हमारी जिंदगी बीत गयी
वही दीवार तोड़ते तोड़ते !

देश रो पडा था
जब मैं गिरा था,
वही देश मुस्कुराया था
आपको लटका हुआ देखकर !

तिरंगा मेरा भी था,
और आपका भी था
पर मैंने सपने भी देखे,
तीनो रंग के,
और आप लड़ते रहे,
सिर्फ एक ही रंग के लिए !

देश का सर उँचा करनेके लिए
मैंने मिसाईल उडाए,
देश का सर निचा झुकाने के लिए
आपने बम गिराए !!

मेरा काम पवित्र था
इसलिए काम करते करते गिर पड़ा।
आपका पाप बड़ा था
इसलिए देश ने आपको गिराया
फासी के फंदे पे लटकाया !!!!

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